CLASS 12th ECONOMICS

                      MACRO ECONOMICS अध्याय-6

                         बैंकिंग (BANKING)

मुद्रा:-

मुद्रा को एसी वस्तु के रूप में परिभाषित  किया जा सकता है , जो विनिमय के माध्यम, मूल्य के मापक,स्थगित भुगतानों के माप तथा मूल्य संचय हेतु , संचय रूप से स्वीकार की जाती है!

मुद्रा की आपूर्ति = जनता की करेंसी +बैंक को के पास  अन्य जमाए

MS=C+DD+OD

मांग जमा :-

ये वह  जमाये है जो  किसी भी समय मांगने पर  बैंक से निकलवाई जा सकती है  या जिन्हें चैक से भी निकल सकते है

व्यावसायिक  बैंक को द्वारा साख निर्माण /मुद्रा निर्माण:-

साख निर्माण से तात्पर्य बैंक को के उस शक्ति से है जिसके द्वारा वह प्राथमिक  जमाओ  का विस्तार करते है ! बैंक को द्वारा साख सृजन कि प्रक्रिया  तथा वैधानिक आरक्षित अनुपात (LLR) में विपरीत  सम्भंद होता है 

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