CLASS 12th
ECONOMICS
MACRO ECONOMICS अध्याय-5
मुद्रा
(MONEY)
मुद्रा का अर्थ-एक वस्तु जो विनिमय के माध्यम के रूप में सामान्य रूप से
स्वीकार कि जाती है;मुद्रा कहलाती है उदाहरण:भारत में एक रूपये मुद्रा है क्योकि
यह भारत में सामान्य रूप से स्वीकृत विनिमय का माध्यम है|
वस्तु विनिमय
प्रणाली- वस्तु विनिमय प्रणाली उस प्रणाली को कहते है
जिसमे वस्तु का विनि मय
वस्तु से किया जाता है ,वस्तु के बदले
वस्तु का ही लेंन देन होता है
वस्तु विनिमय प्रणाली कमियां ( असुविधाएं ) एवं उनका हल
(1)आवश्यकताओ का दोहरा
सयोंग
आवश्यकताओ के
दोहरे में सयोंग से अभिप्राय यह है कि दो व्यक्तियों को एसी दो वस्तुओ कि आवश्यकताओ
होती है जिसका वह अपनी आवश्यकताओ कि संतुष्टि के लिए विनिमय करने के इच्छुक होते
है , मुद्रा कि उत्पत्ति से (विनिमय के माध्यम के रूप में ) आवश्यकताओ के दोहरे कि
कठिनाई लुप्त हो गई है विनिमय के माध्यम
के के रूप में मुद्रा ने क्रय तथा विक्रय
के कार्य को अलह कर दिया है|
(2) मूल्य कि एक समान्य इकाई का अभाव
मुद्रा के विकास ने मूल्य कि समान्य इकाई को प्रस्तुत किया
है और इस प्रकार लेखा या हिसाब – किताब कि प्रणालीने जनम लिया हैं
(३)भविष्य में किये जाने वाले या ठेके के भुगतानों कि कठिनाई
आजकल आप किसी
श्रमिक कि सेवाए भाड़े पर लेते है और उसके साथ रु10000 प्रतिमास भुगतान करने का
औपचारिक समझोता करते है |वस्तु विनिमय प्रणाली में ठेके के भुगतान या भावी भुगतान
बहुत कठिन होंगे|
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